— उज्जैन जिले की तराना तहसील में कृषि भूमि पर वेयरहाउस की कम जानकारी देकर शासन को लगाया बड़ा आर्थिक चूना
उज्जैन/तराना। उज्जैन जिले की तराना तहसील में एक बड़ा राजस्व घोटाला उजागर हुआ है, जहां वेयरहाउस के कम निर्माण का हवाला देकर चार लोगों ने शासन को करीब 1 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क का नुकसान पहुंचाया। मामले की शिकायत के बाद की गई जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि हुई, जिसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा आरोपियों को नोटिस जारी कर स्टांप शुल्क की वसूली के साथ पैनल्टी भी लगाई जा रही है।
जमीन की कीमत 14 करोड़, बताई सिर्फ 4.14 करोड़
तराना के वार्ड नंबर 15 स्थित सरस्वती नगर कॉलोनी के पास रूपाखेड़ी रोड पर मौजूद नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (NBHC) के तीन वेयरहाउस की रजिस्ट्री जनवरी 2025 में की गई थी। इसे खरीदने का करार महालोक वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया था।
कंपनी के संचालकों में तराना निवासी पीयूष कुमार जायसवाल, तेजाजी चौक के पंकज जाजू, नदी रोड के आशीष जिंदल, और तोतला मार्ग के निमिष जिंदल शामिल हैं। चारों ने जमीन और वेयरहाउस की कुल कीमत महज 4.14 करोड़ रुपये दर्शाई, जबकि बाजार मूल्य करीब 14 करोड़ रुपये था।
65 हजार स्क्वेयर फीट निर्माण, बताया सिर्फ 19,368
जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिस भूमि पर तीन बड़े वेयरहाउस बने हैं, उसका कुल क्षेत्रफल करीब 65,000 स्क्वेयर फीट है, लेकिन रजिस्ट्री में केवल 19368 स्क्वेयर फीट ही निर्माण क्षेत्र बताया गया। शेष भूमि को खुली जमीन (ओपन एरिया) घोषित कर दिया गया था, जिससे रजिस्ट्री शुल्क में भारी कटौती हो गई।
14 जनवरी 2025 को जब यह रजिस्ट्री तराना सबरजिस्ट्रार कार्यालय से संपादित की गई, तब शासन को केवल 51.87 लाख रुपए स्टांप शुल्क मिला। जबकि वास्तविक कीमत पर यदि रजिस्ट्री की जाती तो 1.5 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क बनता। इस तरह शासन को लगभग 1 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
शिकायत पर शुरू हुई जांच, मिले पक्के प्रमाण
यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब किसी जागरूक नागरिक ने इस संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद सबरजिस्ट्रार कार्यालय ने स्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू की। निरीक्षण में तीनों वेयरहाउस का पूरा निर्माण 65 हजार स्क्वेयर फीट पाया गया, जिससे स्टांप शुल्क चोरी की पुष्टि हुई।
इसके बाद चारों खरीदारों को नोटिस जारी कर चोरी गया शुल्क और उस पर पैनल्टी की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अधिकारी बोले: “प्रकरण बनाकर आगे भेजा जा चुका है”
इस मामले में जानकारी देते हुए तराना की सब रजिस्ट्रार मुक्ता सिसोदिया ने कहा —
“स्टांप शुल्क चोरी की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच में मामला सही पाया गया है। प्रकरण बनाकर संबंधित उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। नियमानुसार, चोरी किए गए शुल्क के साथ पैनल्टी वसूलने की प्रक्रिया जारी है।”