सिबिल स्कोर की पांच बड़ी गलतफहमियां, क्रेडिट स्कोर कम होने पर क्या आती है परेशानी

सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्कोर को लेकर लोगों के मन में कई गलतफहमियां, Cibil Score Myths 5 ऐसे ही मिथक को हम जानेंगे Cibil Score को खराब होने से कैसे बचाए 

Cibil Score Myths 5 | किसी भी सरकारी अथवा निजी बैंक से लोन (Loan From Bank) लेने के लिए सबसे पहले कस्टमर का सिबिल स्कोर या फिर क्रेडिट स्कोर (Credit Score) देखा जाता है। सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्कोर दोनों एक ही है। दोनों का एक ही काम होता है कस्टमर की क्रेडिट विश्वसनीय की जानकारी देना। Cibil Score 300 से 900 के बीच होता है।

ऐसा माना जाता है कि जितना अधिक सिबिल स्कोर होगा उतनी ही आसानी से बैंक या फिर अन्य वित्तीय संस्था कस्टमर को लोन दे देती है। जबकि सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर कम होने पर कस्टमर को बैंक लोन नहीं मिलता है। कस्टमर के दिमाग में सिबिल स्कोर या फिर क्रेडिट स्कोर को लेकर कई गलतफहमियां हैं। जिनके विषय में आज हम आपको विस्तृत रूप से जानकारी देंगे।

वर्तमान में किसी भी छोटी-बड़ी खरीदारी के लिए कई निजी फाइनेंस कंपनियों द्वारा आसानी से फाइनेंस कर दिया जाता है। इसके लिए यह फाइनेंस कंपनियां कस्टमर के सिबिल स्कोर या फिर क्रेडिट स्कोर को ध्यान में रखकर फाइनेंस करती है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी का क्रेडिट स्कोर या फिर सिबिल स्कोर कम है तो उसे लोन नहीं मिलता है। लेकिन ऐसा नहीं है सिबिल स्कोर को लेकर पांच ऐसी गलतफहमियां है जिसे हमें दूर करना चाहिए जो इस प्रकार है।

1 चेक बाउंस होने से काम होता है सिबिल स्कोर

Cibil Score Myths 5 | कई कस्टमर का ऐसा मानना होता है कि बैंक चेक बाउंस (Check Bounce) होने पर क्रेडिट स्कोर काम हो जाता है। लेकिन आपको बता दें कि चेक बाउंस होने पर इसका सीधा असर सिबिल स्कोर पर नहीं पड़ता है। सिबिल स्कोर काफी हद तक आपके लोन को समय पर चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है। अगर किसी भी कस्टमर का चेक बाउंस हो जाए लेकिन कस्टमर समय पर बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं की किस्त समय पर जमा देता है तो इस पर सिबिल स्कोर कम नहीं होता है।

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2 एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखने से काम होता है सिबिल स्कोर

कस्टमर के दिमाग में एक यह भी भ्रांति है कि एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। कई ऐसे कस्टमर से हैं जो सिबिल स्कोर या उसकी लिमिट बढ़ाने के लिए एक से अधिक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं। अगर कोई कस्टमर एक से अधिक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और रीपेमेंट समय पर करते हैं तो इससे सिबिल स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन यह बात ध्यान में रखने योग्य है कि रीपेमेंट समय पर नहीं करने से सिबिल स्कोर जरूर खराब होता है।

3 बार-बार चेक करने से कम होता है सिबिल स्कोर

Cibil Score Myths 5 | कस्टमर के मन में एक गलतफहमी यहां भी है कि बार-बार क्रेडिट स्कोर चेक करने पर वह कम हो जाता है। लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है। बार-बार क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर चेक करने से किसी भी कस्टमर के सिबिल स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर आप समय-समय पर सिबिल या क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने सिबिल स्कोर को लेकर जागरूक है और उसे खराब होने से बचाने को लेकर प्रयास करते हैं।

4 क्रेडिट कार्ड का कम उपयोग करें

कई लोगों का ऐसा मानना है कि अच्छे सिबिल स्कोर को मेंटेन करने के लिए क्रेडिट कार्ड का कम से कम उपयोग करना चाहिए। लेकिन यह सरासर गलत है क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को मेंटेन रखने के लिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फ़ीसदी तक खर्च करने की सलाह दी जाती है। ताकि बैंक को यह मैसेज ना जाए कि आपकी क्रेडिट कार्ड पर बहुत ज्यादा निर्भरता है। लेकिन अगर आप 30 फ़ीसदी से ज्यादा खर्च कर देते हैं और समय पर इसे चुकता कर देते हैं तो सिबिल स्कोर पर इसका कोई खराब प्रभाव नहीं पड़ता है।- Cibil Score Myths 5

5 कम सिबिल स्कोर वाले को लोन नहीं मिलता है

काम या फिर खराब सिबिल/क्रेडिट स्कोर वाले कस्टमर को बैंक या अन्य वित्तीय संस्था लोन नहीं देती है ऐसी भ्रांति 90 प्रतिशत लोगों के बीच में है। जबकि यह पूरा सच नहीं है। सिबिल स्कोर कम होने पर वित्तीय विश्वसनीयता कम जरूर होती है। लेकिन लोन देते समय बैंक सिबिल स्कोर के साथ-साथ कस्टमर की इनकम जैसी अन्य बातों पर भी ध्यान देती है।

(Cibil Score Myths 5) यदि कस्टमर का सिबिल स्कोर कम है तो वह अपने वेतन, सालाना बोनस या फिर अतिरिक्त इनकम का सोर्स बढ़कर बैंक को स्टेटमेंट देकर लोन ले सकता है। कम सिबिल स्कोर के साथ भी कस्टमर को लोन मिल सकता है। लेकिन कई बार बैंक किया अन्य निजी वित्तीय संस्था सिबिल स्कोर कम होने पर अधिक ब्याज वसूल करती है।

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सिबिल स्कोर कैसे सुधारे?

एक बार सिविल स्कोर बिगड़ जाने के बाद हमें फाइनेंशली कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। फाइनेंस कंपनी या बैंक हमें लोन देने से इनकार कर देती कर देती है। ऐसी स्थिति में हमें सिविल स्कोर (Cibil Score Myths 5) ठीक करना बहुत जरूरी हो जाता है।

  • अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में कर्मियों की जांच करें
  • किसी भी प्रकार का ड्यू ना रखें
  • जॉइंट अकाउंट होल्डर से बचे
  • एक सुरक्षित कार्ड प्राप्त करें
  • समय पर लोन की किस्त जमा करें
  • अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लिमिट में करें
  • अपने सभी भुगतान समय पर करें

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम दीपक भारती है और मैं मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में रहता हूं। में choupalmedia.com का फाउंडर हूं। मैंने MA in Mass communication की पढ़ाई की है। साल 2008 में जर्नलिज्म के क्षेत्र में मैंने कदम रखा। जोकि निरंतर जारी है। इसी के साथ मैंने साल 2019 से ब्लॉगिंग शुरू की है। इस दौरान मैंने ब्लॉगिंग के कई अलग-अलग विषयों पर शोध किया है। मैंने ब्लॉगिंग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी हासिल की है। मुझे उम्मीद है कि मेरी इस जानकारी से आपको भी फायदा होगा। में आशा करता हूं कि आप सभी मेरे साथ ऐसे ही जुड़े रहेंगे और सहयोग करेंगे।

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