boAt data leaked इलेक्ट्रॉनिक गैजेट कंपनी boAt के 75 लाख से अधिक कस्टमर का डाटा डार्क वेब पर लिक हुआ। जिसकी जिम्मेदारी ShopifyGUY नाम के हैकर ने ली है। क्या है पूरा मामला जानिए
boAt data leaked | भारत की प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक गैजेट कंपनी boAt पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बोट कंपनी के 75 लाख से अधिक कस्टमर के सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी हो चुकी है। जी हां दोस्तों डिजिटल वॉच, एयरफोन, मोबाइल चार्ज, नेकबैंड और कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बनाने वाली कंपनी बोट का डाटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। इससे कंपनी को आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
75 लाख कस्टमर का डाटा लिक
boAt Company के 75 लाख से अधिक कस्टमर को सबसे अधिक नुकसान होने वाला है। डार्क वेब पर डाटा अपलोड होने के बाद कंपनी के यूजर्स की अधिकांश निजी जानकारी ऑनलाइन हो चुकी है। (boAt data leaked) सबसे पहले इसका खुलासा फॉर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट में किया गया है हालांकि boAt कंपनी की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। (boat lifestyle data breach) रिपोर्ट के अनुसार डार्क नेट पर boAt के यूजर्स की निजी जानकारी जिसमें नाम, फोन नंबर, ईमेल ऐड्रेस, एड्रेस, कस्टमर आईडी और बहुत कुछ शामिल है।
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बोट कंपनी का डाटा कैसे लीक हुआ?
एक रिपोर्ट का दावा है कि 5 अप्रैल 2024 को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली कंपनी वोट पर साइबर अटैक हुआ है। इस अटैक की जिम्मेदारी ShopifyGUY नाम के हैकर ने ली है। हैकर्स का दावा है कि उसने लगभग 2GB डाटा चुराया है और डार्क वेब पर शेयर कर दिया है। इस संबंध में सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि डाटा लीक से प्रभावित यूजर्स की आइडैंटिटी का उपयोग ऑफिशियल फ्रॉड और फिशिंग अटैक के लिए हो सकती है। चोरी हुई जानकारी से स्कीम्स बैंक अकाउंट का एक्सेस फ्रॉड खरीदारी या इसके में कर सकते हैं।
क्या है डार्क वेब? (What is dark web?)
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपको हम यह भी बताएंगे कि आखिर डार्क वेब क्या होता है और इसका उपयोग कैसे किया जा रहा है। डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जहां पर अवैध और वैध दोनों तरीकों की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इंटरनेट का 96% हिस्सा डीप वेब या डार्क वेब (Deep Web or Dark Web) के अंदर आता है।
हम इंटरनेट कंटेंट के केवल चार प्रतिशत हिस्से का ही इस्तेमाल करते हैं। जिसे इंटरनेट की भाषा में सरफेस वेब (surface web) कहा जाता है। डीप या डार्क वेब में मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है। जिसमें ईमेल, नेट बैंकिंग आते हैं। डार्क वेब को खोलने के लिए टोर ब्राउज़र (tor browser) का इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे काम करता है डार्क वेब? (How does the dark web work?)
डार्क वेब ओनियन राउटिंग टेक्नोलॉजी (onion routing technology) के तहत काम करता है। यह यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है। इसके अलावा इसका सबसे महत्वपूर्ण फीचर यह है कि यह उपयोगकर्ता की गोपनीयता को बरकार रखने के लिए सैकड़ो जगह रूट और री-रूट करता रहता है। (boAt data leaked) आसान शब्दों में कहा जाए तो डार्क वेब ढेर सारी आईपी ऐड्रेस से कनेक्ट और डिस्कनेक्ट करता रहता है। जिससे कि उपयोग करने वाले की लोकेशन ट्रैक नहीं हो पाती है। डार्क वेब का उसे करने की इनफार्मेशन इन्क्रिप्टेड होती है। जिसे डिकोड करना नामुमकिन है। डार्क वेब पर डील करने के लिए वर्चुअल करंसी जैसे बिटकॉइन का उपयोग भारी मात्रा में किया जाता है।
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कब शुरू हुई बोट कंपनी? (boAt data leaked)
उल्लेखनीय है कि बोट कंपनी साल 2016 में शुरू की गई थी। इसके को फाउंडर Aman Gupta है जो की shark india के शो में भी काम कर चुके हैं। यह गैजेट कंपनी भारत की दूसरे सबसे बड़ी कंपनी है। डाटा लीक होने के कारण कंपनी को आने वाले दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मार्च 2023 में boAt कंपनी की बिक्री 3000 करोड रुपए से अधिक थी। कंपनी को पहले भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। (boAt data leaked) लेकिन अपनी मेहनत के दम पर कंपनी एक बार फिर से उठ खड़ी हुई। boAt कंपनी Noise, Xiaomi, Samsung and Fire-Boltt जैसी कंपनियों को टक्कर दे रही है।
कितना खतरनाक है डार्क वेब?
आम इंटरनेट से हटकर डार्क वेब केवल अपराधी ही नहीं बल्कि अलग-अलग तरह के लोग उपयोग कर रहे हैं। डार्क वेब पर ऑनलाइन स्कैम के साथ-साथ नशीली दावों की तस्करी जैसे अवैध काम भी शुरू हो चुके हैं। डार्क वेब चोरी की गई व्यक्तिगत जानकारी को किसी भी व्यक्ति के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध करता है। सबसे कुख्यात डार्क वेब मार्केटप्लेस में से एक सिल्क रोड है जिसकी स्थापना 2011 में रॉस उल्ब्रिचट ने की थी। हालांकि 2013 में FBI ने इसे पूरी तरह से बंद करवा दिया था।
जुड़िए हमारे गौरतलब है कि डार्क वेब ऑनलाइन यूजर्स के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है डार्क वेब पर जो डाटा बचा जा रहा है वह मन तो दो यूरो अर्थात 180 में कोई भी खरीद सकता है। (boAt data leaked) बोट कंपनी के यूजर्स का डाटा भी डार्क वेब पर बिक रहा है। डार्क वेब के माध्यम से कई स्कैमर, लोगों की निजी जानकारी का उपयोग कर धोखाधड़ी करते हैं। ये भी पढ़िए- धमाकेदार स्मार्ट वॉच का टीजर ऑउट, जानिए क्यों है खास नमस्कार दोस्तों…🙏🏻 choupalmedia.com के सभी आर्टिकल सब्जेक्ट एक्पर्ट की डीप रिसर्च और नॉलेज के बाद लिखे जाते है। रिलाएबल सोर्सेस से डाटा कलेक्ट कर आपके लिए इंफॉर्मेटिव आर्टिकल पब्लिश किए जाते है। हमें विश्वास है की हमारा हर आर्टिकल आपके बहुत काम आने वाला है। हम आशा करते है आप हमें सहयोग देंगे। अगर आपको choupalmedia.com आर्टिकल पसंद आये तो अपने दोस्त और फैमली मेम्बर्स के साथ जरूर शेयर करें। (boAt data leaked) ऑटोमोबिल, बिज़नेस, एंटरटेंटमेंट, फाइनेंस और टेक्नोलॉजी से जुडी न्यूज़ के साथ जानकारी के लिए हमारे ग्रुप से जुड़िए। धन्यवादमात्र 180 में में बेचा जा रहा है डाटा