शिप्रा नदी शुद्धिकरण को लेकर जल्द ही बढ़ा कदम उठाया जाएगा (Shipra-Kanh River Project) बुलडोजर से नदी किनारे बने 1500 अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई होगी
Shipra-Kanh River Project | सिंहस्थ 2028 (Simhastha 2028) की तैयारी के साथ ही शिप्रा नदी शुद्धिकरण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शिप्रा नदी को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।
यही कारण है कि अब दो नदियों के कैचमेंट एरिया से 1500 अस्थाई मकान को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जानिए आखिर क्या है पूरा समाचार
Shipra-Kanh River Project | उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारी अभी शुरू नहीं हुई है, वही शिप्रा नदी शुद्धिकरण को लेकर इंदौर में कवायत शुरू हो चुकी है। दरअसल शिप्रा नदी में सतत जल प्रवाह के लिए इंदौर जिला प्रशासन ने कान्ह और सरस्वती नदियों के किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इन दोनों नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए करीब 1500 मकान पर बुलडोजर चला कर उन्हें हटाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।: Shipra-Kanh River Project हाई कोर्ट और एनजीटी ने दिए निर्देश Shipra-Kanh River Project | इस कार्रवाई में खास बात यह है कि दोनों नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने दोनों नदियों के किनारो से 30 मीटर तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। इंदौर प्रशासन (Indore Administration) ने दोनों नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र में करीब 3000 अतिक्रमण को चिन्हित किया है। क्या है अतिक्रमण मुक्त योजना दूषित हो रही शिप्रा नदी Shipra-Kanh River Project | आपको बता दें की शिप्रा नदी में प्रदूषण के कारण इसका आचामन भी नहीं किया जा सकता है। सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इंदौर प्रशासन ने 600 करोड रुपए की कायाकल्प योजना का खाता तैयार किया है। इसके तहत 11 नए सीवेज उपचार यंत्र (STP) स्थापित करने के साथ ही 450 किलोमीटर लंबी सीवेज लाइन बिछाने की योजना भी शामिल की गई है। 5 से 10 दिनों ने शुरू होगी कार्रवाई Shipra-Kanh River Project | योजना के मुताबिक पहले चरण में कान्ह और सरस्वती नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों को हटाया जाएगा। अगले 5 से 10 दिनों में इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अस्थाई मकान के अलावा इनमें स्थाई आवासीय और व्यवसाय एक इमारतें भी शामिल है। सबसे अधिक प्रदूषण कहां और सरस्वती नदी में होता है और यह प्रदूषित पानी शिप्रा नदी में भगर मिल जाता है। :Shipra-Kanh River Project यह भी पढ़िए-👇 चांदी की कीमतों में आई बड़ी गिरावट, गोल्ड भी 521 रुपए नीचे पंहुचा, क्या रहा आज का भाव नंबरी वेब सीरीज, देखिये ब्लैकमेलर टीचर की कहानी, गांव वाले सिखाएंगे सबक मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी राशन को लेकर बनाया नया नियम, भूले तो नहीं मिलेगा योजना का लाभ उज्जैन-इंदौर-देवास और धार को मिला बनेगा महानगर, सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया ट्वीट नमस्कार दोस्तों…🙏🏻 choupalmedia.com के सभी आर्टिकल सब्जेक्ट एक्पर्ट की डीप रिसर्च और नॉलेज के बाद लिखे जाते है। रिलाएबल सोर्सेस से डाटा कलेक्ट कर आपके लिए इंफॉर्मेटिव आर्टिकल पब्लिश किए जाते है। हमें विश्वास है की हमारा हर आर्टिकल आपके बहुत काम आने वाला है।