आज बछ बारस पर 12 बजे गोपाल मंदिर पर श्री कृष्ण फोडेंगे मटकी, दोपहर में होगी शयन आरती

आज बछ बारस (Bach baras) पर उज्जैन (Ujjain) के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर (Gopal mandir) में दोपहर 12 बजे मंदिर के मुख्य द्वार मटकी फोड़ का उत्सव मनाया जाएगा।

आज बछ बारस (Bach baras) पर उज्जैन (Ujjain) के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर (Gopal mandir) में मटकी फोड़ का उत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर माखन मिश्री से भरी हुई मटकी बांधी जाएगी।

श्री कृष्ण बने छोटे बच्चें के द्वारा मटकी फोड़ का आयोजन होगा। यह आयोजन जन्माष्टमी पर्व के पांच दिन उत्सव के समापन का दिन माना जाता है। इस दौरान महिलाएं द्वारा गौ माता और बछड़े की पूजा भी की जाती है।

आज 30 अगस्त 2024 को बछ बारस (Bach baras kab hai 2024) का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन गौ माता की बछड़े सहित पूजा की जाती है। इसे गो द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन खास तौर पर महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन बछ बारस की पूजा (Bach baras ki pooja) करने के साथ ही व्रत कथा पढ़ने से व्रत का अधिक फल प्राप्त होता है।

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दोपहर 12 बजे फूटेगी मटकी

गौरतलब है कि उज्जैन के द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में मटकी फोड़ उत्सव का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 12:00 बजे मुख्य गेट पर माखन मिश्री से भरी हुई मटकी को बांधकर बाल कृष्ण द्वारा फोड़ी जाएगी।

ग्वालियर ढोलीबुआ की कथा भी होगी। इसके पूर्व 11:00 बजे भगवान श्री द्वारकाधीश के चरण पादुका का पूजन होगा। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

दोपहर में होगी शयन आरती

जन्माष्टमी से लेकर बछ बारस तक गोपाल मंदिर स्थित द्वारकाधीश मंदिर में शयन आरती (Shayan aarti) नहीं की जाती है। ऐसी मान्यता है जन्माष्टमी के बाद भगवान कृष्ण के सोने और जागने का कोई समय नहीं होता है।

बछ बारस के दिन दोपहर को साल में एक बार शयन आरती होती है। 31 अगस्त 2024 से मंदिर में नियमित रूप से शयन आरती होगी।

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बछ बारस की कथा (bach baras ki katha)

कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाली द्वादशी पर बछ बारस पर्व मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर अपने संतान की लंबी उम्र की कामना करती है। इस दौरान महिलाएं बछ बारस की कथा (bach baras ki katha) सुनती है। जिसमें सास और बहू की कहानी होती है।

सास जंगल जाने से पहले अपनी बहू से कहती है कि गैलवे की सब्जी बना लेना। बहू गलवा क्या होता है यह नहीं जानती थी। तो उसे लगा की गाय के बछड़े की सब्जी बनाना है। उसने बछड़े की हत्या कर उसकी सब्जी बना ली।

सास जब जंगल से लौटी तो उसे देखा की बहु ने उनकी गाय के बछड़े की सब्जी बना दी है। उसे बहुत दुःख हुआ कुछ घंटे बाद गाय माता भी जंगल से लौट आएगी जब उसे बछड़ा नहीं मिलेगा तो वह विलाप करेगी।

इसके बाद सास भगवान श्री कृष्ण के सामने प्रार्थना करती है और बछड़े को पुनः जीवित करने की विनती करती है। सास भगवान श्री कृष्ण की बढ़ी भक्त रहती है तो भगवान श्री कृष्ण उसकी प्रार्थना सुन बछड़े को पुनः जीवित कर देते है।

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