चेक भुगतान नियम 2024: बैंक चेक बुक का उपयोग कैसे करें, (bank check bounce case) परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 क्या है, चेक बाउंस से कैसे बचें
Bank Check Bounce Case 2024 : नमस्कार दोस्तों आज हम finance से जुड़ी एक महत्वपूर्ण एवं जरूरी सूचना के बारे में आपको हमारे इस ब्लॉग bank check bounce case के बारे में बताएंगे। बैंकों में आजकल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का क्रेज तेजी से बड़ा है। बावजूद इसके आज भी कई लोग बैंक चेक के माध्यम से लेनदेन करते हैं। लेकिन बैंक चेक के माध्यम से लेनदेन करना भी जोखिम भरा हो सकता है।
हमें बैंक चेक का उपयोग करने के पहले महत्वपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। अगर हम इन जानकारी के बगैर चेक से लेनदेन करते हैं तो वह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर हालात विपरीत रहे तो हमें जेल भी जाना पड़ सकता है। हमारे इस आर्टिकल में हम इसी बात की जानकारी देंगे की आखिर Bank Check Bounce Case और क्या होता है इसमें कितनी सजा हो सकती है और इस केस से कैसे बचा जा सकता है।
Bank Check Bounce Case
जैसा कि हमने अभी पढ़ा cheque bounce case से स्पष्ट होता है कि बैंक चेक लेनदेन के द्वारा गड़बड़ी होने पर बैंक चेक बाउंस हो जाता है। ऐसे में अधिकांश बैंक कस्टमर के मन में सवाल उठता है कि Bank Check Bounce Case क्या होता है। तो हम आपको बताते हैं चले की बैंक के लेनदेन के दौरान चेक का उपयोग गलत तरीके से या फिर त्रुटि पूर्ण रूप से करने पर चेक बाउंस हो जाता है।
जिसे बैंक अनादर कर देती है। बैंक Check Bounce हो जाने पर संबंधित बैंक द्वारा अकाउंट होल्डर से पेनल्टी भी वसूली जाती है। यह पेनल्टी सभी बैंकों की अलग-अलग होती है। चेक बाउंस हो जाने के बाद कस्टमर के खिलाफ कोर्ट में कैसे चलाया जा सकता है। जिसमें बैंक चेक जारी करने वाले को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
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Bank cheque bounce case in hindi
गौरतलब है कि कस्टमर बैंक चेक का उपयोग कर अपने अकाउंट से पैसे का लेनदेन कर सकते हैं। जब कोई कस्टमर किसी भी बैंक में अकाउंट खोलता है (Bank Check Bounce Case) तो संबंधित अकाउंट होल्डर को बैंक की ओर से बैंक पासबुक, चेक बुक, डेबिट कार्ड सहित अन्य दस्तावेज दिए जाते हैं।
आरबीआई (RBI) द्वारा सभी बैंकों को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं कि वह किसी भी संस्था या व्यक्ति को चेक बुक जारी करना आवश्यक है। डिजिटल पेमेंट के पहले बैंकों में चेक के माध्यम से बहुत अधिक लेनदेन किया जाता था। चेक भरना बहुत आसान है लेकिन किसी को जारी करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
चेक बाउंस क्या होता है (what is cheque bounce)
बैंक चेक बाउंस क्या होता है और Dishonored check किसे कहते हैं आज हम यह भी जानेंगे। किसी भी बैंक अकाउंट होल्डर द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था के नाम पर बैंक चेक के माध्यम से भुगतान करना इसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
तय नियमों के विरुद्ध अगर बैंक चेक जारी होता है। लेकिन बैंक द्वारा चेक को डिशऑनर्ड कर दिया जाता है। या कहें बैंक चेक को अनाद्रित कर दिया जाता है (Bank Check Bounce Case) तो उसे बैंकिंग भाषा में चेक बाउंस हो जाना कहते हैं।
बैंक चेक डिशऑनर बैंक चेक बाउंस होने के कारण
आरबीआई द्वारा पंजीकृत कोई भी बैंक विभिन्न कारण से चेक पर प्रदर्शित राशि का भुगतान करने से इनकार कर सकता है।
- चेक जारी करता के बैंक अकाउंट में पर्याप्त धनराशि नहीं होना
- अकाउंट नंबर गलत होना
- बैंक चेक की तारीख गलत होना
- चेक पर हस्ताक्षर गलत होना या फिर त्रुटि पूर्ण होना
- चेक में राशि शब्दों तथा संख्या में अलग-अलग होना
- चेक कटा फटा होना
- बैंक चेक पर किसी भी प्रकार की ओवरराइटिंग होना
- बैंक चेक की समय सीमा समाप्त हो जाना
- ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार कर जाना
- बैंक चेक जारी करता का अकाउंट बंद हो जाना
- अकाउंट होल्डर द्वारा भुगतान रोका जाना
- जाली या फर्जी चेक के संदेह में
- अकाउंट होल्डर या चेक जारी करने वाले की मौत मौत हो जाना सहित अन्य कारण हो सकते हैं
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परक्राम्य लिखित अधिनियम १८८१ के तहत होती है कार्रवाई (Negotiable Instruments Act 1881)
चेक बाउंस हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति समय समय अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात परक्राम्य लिखित अधिनियम १८८१ के तहत कार्रवाई कर सकता है। जानकारों की माने तो चेक बाउंस होने की स्थिति के बाद नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 188 11 के तहत चेक जारी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय में केस दायर किया जा सकता है। चेक बाउंस होने पर कोर्ट में दया कैसे को वित्तीय भाषा में परक्राम्य लिखित अधिनियम १८८१ भी कहा जाता है।
चेक बाउंस होने की दिशा में चेक जारी करने वाले को लीगल नोटिस भी भेजना होता है। नोटिस का अगर 15 दिनों में जवाब नहीं आता है तो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के तहत कैसे न्यायालय में दायर किया जा सकता है। (Bank Check Bounce Case) उल्लेखनीय है कि 3 महीने से अधिक पुराना चेक बैंक और स्वीकार कर सकता है। इसलिए हमेशा तारीख का विशेष ध्यान रखें।
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